गोद में एक साल का बच्चा, पति का निधन और बड़े परिवार के भरण-पोषण के लिए सिर्फ एक बीघा जमीन। ऐसे में जब कोई मां ठान ले कि मुफलिसी से लड़ने के लिए अपने बच्चों की तालीम को हथियार बनाएगी, तब समाज को जाफरी बेगम जैसी अद्भुत जज्बे वाली शख्सियत मिलती है।
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