एनसीईआरटी की हिंदी अंतरा-दो के पाठ्यक्रम से महाप्राण निराला की कविता हटाए जाने से उनके वंशज आहत हैं। उनके घर को जाने वाली दारागंज की गलियों में भी इसकी पीड़ा है। अफसोस से भरे महाप्राण के प्रपौत्र कवि विवेक निराला कहते हैं कि...
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