मैं गिड़गिड़ा रहा था, खुदा की दुहाई देकर बख्श देने की गुहार लगा रहा था। जबकि, सामने बैठा अतीक ठहाके लगा रहा था। उसके गुर्गे उल्टा लटकाकर मेरे शरीर पर तीन ओर से लाठियां बरसा रहे थे। मैं जितनी बार चीखता, माफिया हर बार ठहाके लगाता।
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