इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि मां की अभिरक्षा में रह रहे बच्चे को वापस लेने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पोषणीय नहीं है। यदि पति-पत्नी के बीच विवाद है तो उसका निर्णय सक्षम न्यायालय में होना चाहिए।
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