जम्मू की रहने वाली पूजा देवी इन दिनों चर्चा में हैं। लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। वे जहां भी जाती हैं उन्हें देखने और उनसे मिलने के लिए लोग इकट्ठे हो जाते हैं। कई लोग उनके साथ सेल्फी भी लेते हैं। दरअसल पूजा की इस लोकप्रियता की वजह है उनका जम्मू कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर बनना। कठुआ के सांसद और केंद्र में मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भी सोशल मीडिया पर पूजा की तस्वीर शेयर की है।
पिछले साल 23 दिसंबर को उन्होंने एक प्रोफेशनल ड्राइवर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने जम्मू से कठुआ का 80 किलोमीटर का सफर किया। जो उनके लिए यादगार बन गया। कठुआ जिले के बसोहली से आने वाली पूजा एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है।
आसान नहीं था सफर
पूजा कहती हैं कि ड्राइविंग उनका शौक रहा है। वे हमेशा से एक प्रोफेशनल ड्राइवर बनना चाहती थीं, लेकिन घर के लोग नहीं चाहते थे कि मैं यह काम करूं। उनका मानना था कि यह पुरुषों का काम है। महिलाओं के लिए ड्राइवर बनना सेफ नहीं है। कई लोग ताने भी मारते थे, कुछ लोग आपत्तिजनक कमेंट भी करते थे, लेकिन मैंने भी तय कर लिया था कि जिसे जो कहना है कहे, मुझे अपना काम जारी रखना है।
पूजा ने पांच साल पहले ड्राइविंग सीखना शुरू किया। जिन लोगों के पास छोटी गाड़ी या कार होती थी, पूजा उनसे कुछ देर सिखाने की रिक्वेस्ट करती थी। कई लोग मना भी कर देते थे। उन्होंने सबसे पहले कार चलाना सीखा। घरवाले मना करने लगे तो वे छिपकर सीखने जाती थीं। धीरे-धीरे उनकी प्रैक्टिस होती रही। इसके बाद मामा राजिंदर सिंह से ट्रक ड्राइविंग सीखी। फिर भारी वाहन चलाने के लिए आवेदन किया।
कल जो विरोध कर रहे थे, वही आज तारीफ करते हैं
वे कहती हैं कि शुरुआत में कुछ लोग विरोध करते ही हैं। हम उन्हें रोक नहीं सकते हैं। मैं महिलाओं से बस इतना ही कहना चाहती हूं कि कोई भी काम हो, अगर आप उसे करना चाहती हैं तो जरूर करिए। यह मत सोचिए कि लोग क्या कहेंगे। कल जो लोग मेरा विरोध कर रहे थे, आज वही लोग मुझे सोशल मीडिया या टीवी पर देख रहे हैं और तारीफ कर रहे हैं। कई लोग मुझसे मिलने के लिए आते हैं, मेरे साथ सेल्फी लेते हैं।
पूजा की शादी हो चुकी है। उनके तीन बच्चे हैं। वे बताती हैं कि ड्राइविंग के साथ-साथ मुझे बच्चों का भी ख्याल रखना होता है। मैं उनकी हर जरूरत पूरी करती हूं। पहले भी जब ड्राइविंग सीख रही थी तब भी घर का काम करती थी।
ड्राइविंग के लिए ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलना चाहती हैं
पूजा बताती हैं कि अब उन्हें गर्व महसूस होता है कि वे अपने सपने को पूरा कर पाईं। लोगों से उनको भरपूर सपोर्ट भी मिलता है। वे कहती हैं कि लड़कियां इस फिल्ड में आएं। मैं उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए भी तैयार हूं। जब महिलाएं फाइटर प्लेन उड़ा सकती हैं, एक्सप्रेस ट्रेन चला रही हैं तो फिर बस क्यों नहीं चला सकतीं। वे आगे एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी खोलना चाहती हैं, ताकि लोगों को ड्राइविंग सिखा सकें।
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