Wednesday, August 5, 2020

बदली फिजा, बंगाल की माकपा सरकार में मंत्री रहे नेता, आर्य समाजी, कबीर पंथी रामधुन में रमे दिखे

अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान कुछ चौंकाने वाले दृश्य नजर आए। कार्यक्रम में रामभक्त तो रामभक्त, पश्चिम बंगाल की माकपा सरकार में मंत्री रहे बंकिमचंद्र घोष, मूर्ति पूजा का विरोध करने वाले आर्य समाज और कबीर पंथ के प्रतिनिधि भी पहुंचे। ये लोग राम-राम, सीता-राम की धुन पर झूमते रहे।

घोष 40 साल माकपा में रहने के बाद पिछले साल भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि मार्क्सवाद गरीबों की लड़ाई लड़ने के लिए ठीक था, लेकिन अब कम्युनिस्ट पार्टी के नेता उस कांग्रेस का समर्थन करने को कहते हैं, जिसने 1972 से पहले 14 हजार कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं की हत्याएं करवाईं। बंगाल की हर गली में आज भी इनकी बलिदान वेदी बनी हुई है।

अब कई कम्युनिस्ट रामलला की शरण में आएंगे- घोष

बंगाल के कम्युनिस्टों का सीपीएम से इस कारण भी मोहभंग हो गया, क्योंकि 13 सदस्यों वाले पोलित ब्यूरो के सात सदस्यों ने ज्योति बसु को इसलिए प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया, क्योंकि इससे पार्टी का बंगाल धड़ा बहुत मजबूत हो जाता। पार्टी ने सोमनाथ चटर्जी के साथ भी दुर्व्यवहार किया। आज हम चूंडी और गंगा नदियों के संगम स्थल से जल और मिट्टी लेकर आए हैं। अब कई कम्युनिस्ट रामलला की शरण में आएंगे।

निर्गुण निर्मल गंगा की धारा सगुण सरस्वती में जा मिलती है

उधर, आर्य समाज की अयोध्या इकाई के उप प्रधान अपूर्व कुमार ने कहा, ‘अयोध्या में कभी आर्य समाज के संस्थापक दयानंद सरस्वती ने तीन महीने रहकर मूर्ति पूजा का विरोध किया था। आज हम सब अयोध्या में राम मंदिर बनाने का आह्वान कर रहे हैं।’ कुछ कबीर पंथी साधुओं ने कहा कि कई बार निर्गुण निर्मल गंगा की धारा सगुण सरस्वती में जा मिलती है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
पश्चिम बंगाल की माकपा सरकार में मंत्री रहे बंकिमचंद्र घोष, मूर्ति पूजा का विरोध करने वाले आर्य समाज और कबीर पंथ के प्रतिनिधि भी पहुंचे।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2DDJAuR

No comments:

Post a Comment