इसी साल मार्च में लोकसभा और राज्यसभा में दो मौकों पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बयान दिया कि रेलवे का कोई निजीकरण नहीं होगा यह बात “क्रिस्टल किल्यर” है। लेकिन चार महीने बादी ही रेलवे के निजीकरण को हरी झंडी दे दी गई है? सरकार ने अभी तक यह जवाब नहीं दिया है कि जो रेलवे आधुनिकीकरण के नाम पर बेची जा रही उसका आधुनिकरण सरकार खुद क्यों नहीं कर सकती। खैर अब ये होकर रहेगा ये बात भी “क्रिस्टल किल्यर” है। अब जब हो ही रहा है तो आप इसका प्लान समझ लीजिए।
तीस हजार करोड़ के निवेश का अनुमान
भारतीय रेलवे में 2 हजार 8 सौ मेल ट्रेनें हैं, जिनमें से 151 ट्रेनों को बेचा जाएगा। यानी रेलवे में 5% निजीकरण किया जा रहा है। इससे कितना निवेश आयेगा यह तो दिसंबर में बोली लगने के बाद साफ होगा, लेकिन करीब 30 हजार करोड़ के निवेश का अनुमान लगाया जा रहा है।
आप के सफर का समय आधा हो जाएगा
सभी 151 प्राइवेट ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी और इनका रनिंग टाइम राजधानी जैसा होगा। सभी ट्रेनों में 16 कोच होंगे और सभी में ऐसी लगा होगा।
कंपनियां तय करेंगी ट्रेनों का स्टॉपेज
ये सभी ट्रेनें 12 सबसे व्यस्त स्टेशनों से निकलेंगी, और इन्हीं 12 स्टेशनों पर ही इनका सफर समाप्त होगा। ये ट्रेनें दिल्ली और मुंबई के दो-दो स्टेशनों से चलेंगी। इन ट्रेनों का स्टॉपेज कहां होगा ये तय करने का अधिकार रेल मंत्रालय का नहीं होगा, इसे कंपनियां तय करेंगी।
तीन भारतीय और दो विदेशी कंपनियां प्रमुख दावेदार
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Dc99mT
No comments:
Post a Comment