अयोध्या में 5 अगस्त को श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन होगा। सरयू नदी में अपार जलराशि पूरे आवेग से बह रही है। कहते हैं कि सरयू को छोड़कर भगवान राम के समय की कोई निशानी अयोध्या में शेष नहीं है। अब जल्द श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य विशाल मंदिर आकार लेने लगेगा। सरयू के तट पर मौजूद नागेश्वरनाथ मंदिर में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ को सावन का जलाभिषेक करा रहे हैं। राम की पौड़ी पर आसपास के गांवों से आए लोगों की चहल- पहल है।
गोंडा से आए केवलराम (60) ने कहा, ‘लंबे समय से कानूनी लड़ाई चल रही थी। विहिप के लोग आंदोलन कर रहे थे, लेकिन भरोसा नहीं था कि रामलला का मंदिर बन ही जाएगा। हम अपने जीवन में ही अयोध्या में रामलला का मंदिर देख सकेंगे।’इस बीच अयोध्या में ‘पेंट माई सिटी अभियान’ भी चल रहा है। अयोध्या को पीले रंग में रंगा जा रहा है। दुकानें भी पहले से ज्यादा सजी-धजी दिख रही हैं। हालांकि, मार्गों में सफाई का बहुत काम बाकी है। कुछ जगहों पर जल्दबाजी में निर्माण और मरम्मत के काम हो रहे हैं।
अवध यूनिवर्सिटी की छात्राएं भी मदद कर रहीं
अवध यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट की 70 छात्राएं सजावट में सहयोग कर रही हैं। छात्राएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत रोली चंदन के तिलक और गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा से करेंगी। अयोध्या में 4 अगस्त को मठों और मंदिरों में श्रीरामचरित मानस का पाठ शुरू होगा।
इसके लिए 25 केंद्र बनाए गए हैं।भूमि पूजन के लिए मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, असम, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों की 51 नदियों से जल लाया जा रहा है। इसके अलावा देशभर के तीर्थ स्थलों से मिट्टी भी लाई जा रही है। इसमें डाक विभाग से लेकर कुछ संस्थाएं सहयोग कर रही हैं।
सुरक्षा: अयोध्या को 7 जोन में बांटकर जवान तैनात, नेपाल सीमा पर भी अलर्ट
अयोध्या के सीनियर एसपी दीपक कुमार ने बताया कि शहर को सात जोन में बांटकर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। प्रवेश मार्गों पर बैरीकेडिंग कर जांच की जा रही है। होटलों, धर्मशालाओं में ठहरे लोगों के बारे में पूछताछ की जा रही है। भूमि पूजन स्थल पर पहुंचने के लिये दो रास्ते चिन्हित किए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी का हेलीकॉप्टर भूमि पूजन स्थल से एक किमी दूर उतरेगा। यह रास्ता सुपर सेफ्टी जोन होगा, जिस पर एसपीजी की निगरानी रहेगी। यूपी के बलरामपुर से लगी नेपाल सीमा पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। एसपी देवरंजन वर्मा ने इसकी पुष्टि की है।
इतिहास से... अंग्रेज जज के आदेश पर 1902 में लगे थे 148 शिलापट
अयोध्या के तीर्थ स्थलों पर 148 शिलापट हैं। अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक वाईपी सिंह के मुताबिक अंग्रेज जज एडवर्ड के आदेश पर 1902 में इन्हें विवेचनी सभा ने लगवाए थे। साल 1898 में अयोध्या की बड़ी छावनी के महंत राम मनोहर प्रसाद ने तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए इन्हें लगवाना शुरू किया था। एक वर्ग ने आपत्ति जताई। कोर्ट में 3 साल केस चला। जज एडवर्ड ने महंत के पक्ष में फैसला दिया। शिलापटों को उखाड़ने पर 3 हजार रुपए का जुर्माना या तीन साल की सजा के आदेश भी दिए। शिलापटों को प्रमाण के तौर पर श्रीराम जन्मभूमि के मुकदमे में भी पेश किया गया था।
इधर अमेरिका में... जय श्री राम के जय घोष से गूंजेगा टाइम्स स्क्वैयर
अमेरिका में न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वैयर पर 5 अगस्त को भगवान राम की भव्य तस्वीर प्रदर्शित की जाएगी। राम मंदिर के मॉडल की 3डी तस्वीरें और भूमि पूजन की तस्वीरें भी दिखाई जाएंगी। अमेरिकी-भारतीय लोक मामलों की समिति के अध्यक्ष जगदीश सेवानी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि विशाल नैस्डैक स्क्रीन और 17 हजार वर्ग फुट की रैप-अराउंड एलईडी डिस्प्ले स्क्रीन लगाई जा रही है। कार्यक्रम में ‘जय श्री राम’ का जयघोष किया जाएगा। भारतीय समुदाय के लोग इस खास उत्सव को मनाने और मिठाइयां वितरित करने के लिए एकत्रित होंगे।
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