Tuesday, July 28, 2020

नेपाल में बारिश से बिहार की कई नदियों का जलस्तर बढ़ा, कोसी बराज पर 12 घंटे में बढ़ा 56 हजार क्यूसेक पानी

नेपाल में हो रही बारिश के बाद राज्य की कई नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। 12 जिला 2962653 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बूढ़ी गंडक समस्तीपुर में खतरे के निशान से 2.57 मीटर ऊपर जबकि कोसी खगड़िया में 2.10 मीटर ऊपर पहुंच गई है। बागमती सीतामढ़ी और दरभंगा में दो मीटर ऊपर बह रही है।

गंगा कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कोसी के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई तेज़ बारिश के बाद इसका जलस्तर तेजी से बढ़ा है। वीरपुर बराज पर मात्र 12 घंटे में इसके पानी में 56 हजार क्यूसेक की बढ़ोतरी हो गई। बराज पर देर शाम पानी की मात्रा 1.82 लाख क्यूसेक से बढ़कर 2.38 लाख क्यूसेक पर पहुंच गया था।

बाढ़ में जुगाड़ का सहारा

फोटो बिहार के किशनगंज जिले की है। यहां के टेढ़ागाछ प्रखंड के झुनकी पंचायत में पुल पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। इस कारण लोगों का आवागमन ठप हो गया है। ड्रम की नाव पर बाइक लेकर जा रहे लोग।

फिर से बढ़ने लगा गंडक नदी का जलस्तर

गंडक नदी का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। कुछ गिरावट आने के बाद एक बार फिर से उफान में है। वहीं बराज से 2 लाख 33 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। जिससे सारण जिले तरैया व पानापुर के खाली एरिया में भी पानी फैल गया है। दोनों ही प्रखंड का मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। सड़कों पर तीन फीट पानी बह रहा है।

गोपालगंज में सारण तटबंध टूटने के बाद गंडक नदी का पानी तेजी से पानापुर और तरैया की ओर बढ़ रहा था।मंगलवार की सुबह होते-होते प्रखण्ड के 32 गांवों में बाढ़ की पानी में पूर्णतः डूब गये।लोगों के घरों में पानी घुस गया।जिससे लोग बेघर हो गए है।तथा छतों पर शरण लिए हुए है।

बैकुंठपुर की 5 पंचायतों के 23 नए गांवों में बाढ़

बिहार के गोपालगंज जिले के चार प्रखंड पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से पांच पंचायतों के 23 नए गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिन नए इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश किया है उनमें बैकुंठपुर के श्यामपुर, देवकुली, हकाम, आजवीनगर, गोरेया स्थान, मंगलपुर, सिसई, चमनपुरा, गेनाडाबर, हरदिया, मंगरू छपरा, सफियाबाद, धर्मबारी, बिस्टौल, सबली, सिरसा धनटोली, चांदपुर शामिल हैं। इन गांवों के करीब 55 हजार की आबादी बाढ़ से पलायन करने लगी है।

बारिश ने बढ़ा दी पीड़ितों की परेशानी

फोटो बिहार के छपरा जिले के पानापुर की है। यहां तबियत बिगड़ने पर मरीजों को गोद में उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है। मंगलवार की दोपहर से गंडक नदी के पानी में बढ़ोतरी शुरू हो गई है। गोपालगंज में तटबंध टूटने के बाद नदी के पानी में थोड़ी-सी कमी आई थी। नदी का पानी बढ़ता देख तटीय इलाके के बाढ़ पीड़ितों की बेचैनी बढ़ गई है। नदी में पानी बढ़ने से तटबंध और तटीय इलाके के बाढ़ पीड़ितों की परेशानी बढ़ सकती है। वहीं गंडक नदी में पानी बढ़ने से गांवों में फैले बाढ़ के पानी में भी वृद्धि हो सकती हैं।

ब्रिटिश जमाने में बने पुल की न मरम्मत, न ऊंचाई बढ़ाई

फोटो झारखंड के रांची की है। स्वर्णरेखा नदी पर ब्रिटिश जमाने में बने पुल की न तो मरम्मत हुई और न ही जरूरत के अनुसार उसकी ऊंचाई बढ़ाई गई है। स्थिति यह है कि हल्की बारिश में ही नदी की तेज धारा पुल के ऊपर से बहने लगती है। लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो जाते हैं। पानी की धारा में कई बार बच्चे बह चुके हैं। कई मौतें हो चुकी हैं। दर्जनों मवेशी बह चुके हैं। यह केवल इस वर्ष की बात नहीं, बल्कि हर वर्ष तेज धारा लोगों को बहा ले जाती है। बावजूद लोग जान-जोखिम में डालकर पुल को पार करते हैं।

गांधीघाट पर खतरा का निशान 48.60 मीटर

पटना में पिछले 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 17 सेमी कम हुआ है। गंगा सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल के इंजीनियरों के मुताबिक 24 घंटे में गांधी घाट और दीघा घाट पर 17 सेमी गंगा का जलस्तर कम मापा गया है। मंगलवार की शाम 6 बजे गांधीघाट पर गंगा का जलस्तर 47.73 मीटर और दीघा घाट पर 48.69 मीटर मापा पाया गया है। जबकि, सोमवार की शाम 6 बजे गांधीघाट पर गंगा का जलस्तर 47.90 मीटर और दीघा घाट पर 48.86 मीटर मापा गया था। गांधीघाट पर खतरा का निशान 48.60 मीटर और दीघा घाट पर खतरा का निशान 50.45 मीटर है।
एक बैरक में 50 से अधिक जवान; न सोशल डिस्टेंसिंग, न मास्क

झारखंड में अभी तक करीब 500 पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं, इसके बावजूद रांची पुलिस लाइन में लापरवाही और बदइंतजामी का आलम कायम है। मीडिया में मामला आने के बाद सार्जेंट मेजर आरके रंजन ने हालात सुधारने की जगह पत्रकारों के पुलिस लाइन में घुसने पर ही रोक लगा दी। यह फरमान भी जारी कर दिया कि पुलिस लाइन की खबर लीक हुई तो पुलिसकर्मियों की खैर नहीं।

भास्कर ने पड़ताल में पाया कि यहां कोरोना ही नहीं यदि दूसरी कोई भी संक्रामक बीमारी फैल जाए तो कई जवानों की जान चली जाएगी। पेड़ के नीचे एक-एक बैरक में 50-50 से ज्यादा पुलिसकर्मी रहते हैं। न कोई सोशल डिस्टेंसिंग और न ही मास्क।

भीमसेन को मनाने पहुंचे 84 गांवों के ग्रामीण, पुजारी ने गले से लगाया

फोटो छत्तीसगढ़ के नकुलनार की है। यहां के कुआकोंडा परगना के 84 गांवों के ग्रामीणों ने मंगलवार को भीमसेन पहाड़ उदेला में पूजा की। ऐसी मान्यता है कि भीमसेन पहाड़ पर पहुंचकर भीमसेन को मनाने पूजा-पाठ करने से अच्छी बारिश होती है। इस दौरान कुआकोंडा की प्रमुख देवी गंगादेई, लछनदेई, कोंडराज बाबा के साथ ग्रामीण पहाड़ पर पहुंचे। इस साल ग्रामीणों ने फसल बचाने भीमसेन की पूजा कर अच्छी बारिश के लिए प्रार्थना की।

कोरोना की वजह से रद्द हुआ टूर्नामेंट

एक तरफ जहां भारतीय क्रिकेटर करोड़ों की कमाई करते हैं, वहीं भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान दिनेश सैन ने नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) में चपरासी की नौकरी के लिए आवेदन किया है। उन्होंने 2015 से 2019 के बीच भारतीय टीम के लिए 9 मैच खेले थे। 35 साल के सैन पर पत्नी और एक साल के बच्चे की जिम्मेदारी है।

वहीं भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राजेंद्र सिंह धामी मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले थे, लेकिन कोरोना की वजह से वह रद्द हो गया। वह युवा खिलाड़ियों को ट्रेनिंग भी देते थे।



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Water level in many rivers of Bihar increased due to rain in Nepal, 56 thousand cusecs of water increased in 12 hours at Kosi Barrage


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