ये समझो और समझाओ, थोड़ी में मौज मनाओ, दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ...फिल्म ज्वार भाटा का यह गीत बढ़ती महंगाई के बीच जिंदगी का फलसफा हुआ करता था और सादा सरल जीवन जीने की प्रेरणा देता था, लेकिन अब महंगाई ने इसे भी बेमानी कर दिया है।
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