राजनीति में महिलाओं को आगे आने की बात तो हर कोई करता है, लेकिन जब बात इनको टिकट देने की आती है, तो महिला अधिकारों की बात करने वाली यही राजनीतिक पार्टियां पीछे हट जाती हैं। यहां तक कि जिन सीटों पर महिला वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है, वहां भी महिला नहीं, बल्कि पुरुष उम्मीदवारों को उतारा जाता है।
बिहार में पहली बार 1951 में विधानसभा चुनाव हुए थे। पहले चुनाव के बाद से बिहार को पहली महिला मुख्यमंत्री मिलने में 46 साल का वक्त लग गया। बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं राबड़ी देवी। लालू प्रसाद यादव की पत्नी। जुलाई 1997 में लालू पर चारा घोटाले के आरोप लगे, तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
राबड़ी देवी बिहार की इकलौती महिला मुख्यमंत्री हैं, जो तीन बार इस पद पर रहीं। पहली बार 25 जुलाई 1997 से 11 फरवरी 1999 तक। दूसरी बार 9 मार्च 1999 से 2 मार्च 2000 तक। और तीसरी बार 11 मार्च 2000 से 6 मार्च 2005 तक।
बिहार विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या भी लगातार घट ही रही है। 2010 में 34 महिला विधायक थीं, जबकि 2015 में 28। ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि जिन 10 सीटों पर महिला वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है, वहां क्या ट्रेंड रहा है?
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