हीथर क्विनलैन और एडम मैकगवर्न अमेरिका में रहते हैं। दोनों की अक्टूबर में शादी थी। लेकिन कोरोना के कारण यह संभव नहीं होता दिख रहा था। दोनों ने तय किया कि जूम ऐप की मदद से ऑनलाइन शादी कर लेंगे। उन्होंने पारसीपैनी (न्यू जर्सी) के मेयर माइकल सोरियानो और न्यू जर्सी के गवर्नर से बात की, जिसके बाद दूर बैठकर होनी वाली सिविल मैरिज को वैध मानने के लिए आदेश जारी किया गया।
इसके बाद दोनों की शादी हुई। दुनिया में फिलहाल शादियां इसी तरह हो रही है। शादियों का बाजार सालाना 300 अरब डॉलर का है। लेकिन अब शादियां पैनडेमिक प्रूफ नहीं रही हैं।
दुनियाभर के 80% वेडिंग गाउन चीन से सप्लाई होते हैं। कोरोना के इस संकट काल में चीन की गाउन या उसके लिए कपड़ा बनाने वाली फैक्टियां बंद होने से दुनियाभर में वेडिंग गाउन की कमी रही। यही कमी यूरोप और अमेरिका में ज्यादा देखी गई।
दूसरी ओर, ब्रिटेन में अगला साल शादियों का होगा। लग्जरी वेडिंग प्लानर कटरीना ऑटर कहती हैं कि हमारे लगभग सभी क्लाइंट्स ने अपनी शादियां 2021 तक के लिए टाल दी हैं। इससे अगले साल खूब शादियां होनी है। अधिकांश मैरिज वेन्यू अगले साल अप्रैल से अक्टूबर तक के लिए बुक हो चुके हैं।
जूम पर शादियां करने के लिए वेटिंग लिस्ट
अमेरिका में न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रू क्यूओमो ने पिछले दिनों शादियां कराने के लिए ‘प्रोजेक्ट क्यूपिड’ शुरू किया है। इसमें शादी करने के इच्छुक जोड़ों से लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। न्यूयॉर्क सिटी की गवर्नर एनी लॉरेंस अब हर सप्ताह जूम पर कई शादियां संंपन्न करवा रही हैं। प्रोजेक्ट क्यूपिड इतना सफल रहा कि अब सितंबर तक अपॉइंमेंट्स की वेटिंग चल रही है।
वहीं, कैलिफोर्निया और न्यू जर्सी ने भी इसे अपनाया है। एक रोचक ट्रेंड गाजा में निकल कर आया है। गाजा में पारंपरिक रूप से शादी का खर्च दूल्हे को उठाना पड़ता है। इसलिए यहां कई दूल्हे कोरोना काल के कारण कम खर्च वाली शादियों पर जोर दे रहे हैं।
भारत में होम वेडिंग का ट्रेंड बढ़ रहा
भारत में हर साल करीब 1.2 करोड़ शादियां होती हैं। गुजरात में 30 हजार के करीब शादियां या तो टली हैं या रद्द हो गई हैं। लोग 50 लोगों के साथ शादी कर रहे हैं। शॉदी डॉट कॉम ने ‘वेडिंग फ्रॉम होम’ सर्विस शुरू की है। इसमेंं कंपनी पंडित से लेकर ऑनलाइन मेकअप ट्यूटोरियल तक देती है। कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव अनुपम मित्तल ने हाल ही में एक ऐसी ही शादी में शिरकत की। इसे 300 लोगों ने ऑनलाइन अटेंड किया।
(दैनिक भास्कर से विशेष अनुबंध के तहत)
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